मातृभूमि की गौरव गाथा।
भारत हमारी मातृभूमि तू सबकी माँ है
कोटी कोटी तेरी संतान है तू कितने निराली है
भूल गये देशवासी तेरी यातना भरी गाथा को
तेरी गुलामी की जंजिरो से बंधी व्यथा को
कश्मीर से कन्याकुमारी तक तेरी संतानों की
आत्मबलिदान और करूण कहानी को।
नेहरू, गांधी , सुभाष सोये हुए को जगाए थे
भगत ,खुदिराम हँसते-हँसते फांसी चढ़े गयेथे
नाना, कुवंर, तिलक देश के लिए मर मिटे थे ...