...

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क्या है ज़िन्दगी
सुबह की किरण है ज़िन्दगी,
रात का अन्धेरा है ज़िन्दगी।
नन्हीं आखों का ख्वाब है ज़िन्दगी,
बुढ़ापे की हकीकत है ज़िन्दगी।।

नम आखों का दर्द है ज़िन्दगी,
लबों की मुस्कान है ज़िन्दगी।
अपनो की तकरार है ज़िन्दगी,
परायों का प्यार है ज़िन्दगी।।

हर पल मिलती ठोकर है ज़िन्दगी,
तो एक बार मिली शोहरत है ज़िन्दगी।।

फिर भी मै हर रोज़ पूछती हूं,
न जाने ये क्या है ज़िन्दगी??

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