...

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बचपन की दोस्ती
तू खास है मेरे लिए,
तुझे मैं यह बात कैसे बतलाऊं ,
वह छोटी-छोटी बातों में हंसना और फिर छोटी-छोटी बातों में रोना सब याद है मुझे,
लेकिन वक़्त के साथ वह सब बहुत पीछे छूट गया मगर तू यकीन मान मेरा तू अभी भी मेरे लिए वही हैं
कुछ रिश्ते होते हैं बहुत खास जो होते हैं दूर रहकर भी बहुत पास
तेरा और मेरा यही वाला रिश्ता हैं
अब मैं तुझे यह कैसे बताऊं,मैं तुझे कैसे ये यकीन दिलाओ।
तू खास है मेरे लिए
तुझे मैं यहां कैसे बताऊं तुझे मैं कैसे बताऊं।
© IUC