...

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इक रीत पुरानी बाकी है
इक रीत पुरानी बाकी है
इक प्रीत पुरानी बाकी है
शायद बातें तुम भूल गये
पन्नों पर स्याही बाकी है

अल्हड़ता वो नादानी
तेरी मेरी वो बचकानी
खट्टी-मीठी, तीखी सी
याद करो वो बेमानी
जब कहते...