...

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अगर मै किताब लिखती
अगर मै किताब लिखती
तो खुद से प्यार बेसुमार लिखती
अपने हर खुशी के पिछे का दर्द लिखती
अपने दिल की बात को एक पन्ने पे लिखती
अपने जीवन का संघर्ष लिखती
अपनी बाते अपनी मस्तिया लिखती
अगर मै किताब लिखती
तो मै अपनी जिंदगी के किस्से लिखती
अपनी जिंदगानी लिखती
अपना दर्द अपने लफ्जों में लिखती
अपनी नादानियाँ अपनी समझदारियां लिखती
खुद की अलग दुनिया लिखती
अपनी ख्वाहिश अपनी फ़रियाद लिखती
इस जिंदगी की हक्कीते लिखती
एक नए सवेरे के साथ नई शुरुआत लिखती
जिंदगी के हर लम्हो को लिखती
अपने ज़ज्बातों को किसी कागज़ पे लिखती
अगर मै किताब लिखती
तो वो सब लिखती जो जिया है इस जिंदगी में
© Goldi Singh