मन करता है
मन करता है
वैसे मन तो बहुत कुछ करता है
जैसे रँग बिरँगे फूलों से
भरी क्यारी हो
ये दुनिया लगती
प्यारी न्यारी हो
अमरूद व लीची से भरे पेड़ हों
पंछियों की आवाजाही हो
ओस की बूंदें
पत्तियों पे मोती सी
चमकती हों
सूर्य की रौशनी से
हिमालय की चोटी से बर्फ पिघल
कल कल झरने सी बन
गीत कोई नया गुन गुनाती हो
राग कोई नया अलापे
मन मयूर नाचै
ता ता तहिया तहिया
भोर की पहली किरण
के...
वैसे मन तो बहुत कुछ करता है
जैसे रँग बिरँगे फूलों से
भरी क्यारी हो
ये दुनिया लगती
प्यारी न्यारी हो
अमरूद व लीची से भरे पेड़ हों
पंछियों की आवाजाही हो
ओस की बूंदें
पत्तियों पे मोती सी
चमकती हों
सूर्य की रौशनी से
हिमालय की चोटी से बर्फ पिघल
कल कल झरने सी बन
गीत कोई नया गुन गुनाती हो
राग कोई नया अलापे
मन मयूर नाचै
ता ता तहिया तहिया
भोर की पहली किरण
के...