...

3 views

होंठो पर ख़ामोशी ओढ़े
होंठो पर ख़ामोशी ओढ़े कब तलक,
दर्द - ए - राज को दिल में छुपाओगे!

ज़ाहिर करना भी पड़े दुःखो को तो क्या,
हम पहले जैसे तुम्हारे संग जी पाएँगे!

लोग समझते नहीं है यहाँ ज़ज्बातो को,
पल में खेलकर काँच की तरह तोड़ जायेगे,

सब-ए-वस्ल की तुम बात ...