सुसंस्कृत स्पर्श
लगे क्षीण,मूक,बधिर,
करे सच्चा "स्पर्श" ऐसा असर।
आत्मा होती "झंकृत",
लगे मधुर तान जैसा सुसंस्कृत।
तृप्त हो हृदय प्यासा,
बढ़ती जीने की उमंग...
करे सच्चा "स्पर्श" ऐसा असर।
आत्मा होती "झंकृत",
लगे मधुर तान जैसा सुसंस्कृत।
तृप्त हो हृदय प्यासा,
बढ़ती जीने की उमंग...