...

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वो खास हैं।

वो खास हैं बहुत।
उसे मैं खोने से
बहुत डरता हूं।

इसी लिए मैं उनसे
आजकल
बाते कम किया
करता हूं।

उसके पास एक
Message करने में
भी झिझक सी
महसूस होती हैं।

उसे खोने से
जो मैं इतना
डरता हूं।

जाने उसे किस बात
का बुरा लग जाए।

अभि अभी तो
पाया है उसको।

जाने क्यों मैं उसको
इतना पसंद
क्यो किया करता हूं।

उसके नाम की
खुशी इस दिल में
लिए फिरता हूं।

पर जो भी हैं।
उससे लगाव की
वजह मुझे मालूम
नही ,बस वो
अच्छा लगता हैं।

उसमें एक अजब
सी कशिश है।

उसके किरदार में
एक अजब सी महक हैं।

जानें क्यों मैं
उसी की और खीचा
चला जा रहा होता हूं।

वो अच्छा
बहुत लगता हैं।

ऐसे जैसे कोई
पानी में पत्थर
मार देता हैं।

वो मन में मेरे
इस तरह से हलचल
करता हैं।

उसकी बाते
किसी सुगंधित
फूल की तरह
मेरे मन में
महका करती हैं।

उसकी यादें
कमल के फूल सी
पंखुड़ियां फैलाए
अपना इत्र
मुझ पर बिखेर
रही होती हैं।

उसके मेरे रिश्ते को
अभी कोई मैने नाम
दिया नहीं है।

वो मुझ को
अपना सबसे
खास दोस्त माना
करता हैं।

मैं भी इससे ज्यादा
उसे कुछ नही मानता।
बढ़ना तो चाहता हूं
मैं आगे।

लेकिन उसे खोने
के डर से बहुत
डरा करता हूं।

ये जो उसके मेरे
बीच प्यारा सा
दोस्ती का बंधन हैं।
वो भी ना
खतम हो जाए।

वो बहुत हैं।
इतना मैं जानता हूं।

इश्क की
तरह ही उसे चाहता हूं।
वो बात अलग हैं उसे
मालुम नहीं है।

वो बहुत
प्यारा सा हैं।

ज़रूरी नही
अच्छा लगने के लिए
इश्क होना
जरूरी हो।

वो सक्स
इस दिल को
बहुत भाता है।

जाने क्यों वो
इतना अच्छा
लगता हैं।

वो खास दोस्त हैं मेरा
इसी लिए मुझमें
महकता है।
❣️❣️



© KRISHAN MEENA