मेरा सफर अभी बाकी है
इस सफर में एक मुसाफिर हूं,मेरा सफर अभी बाकी है
घुट घुट के जी रहा हूं, तानों की सहर में
कुछ अनसुलझी सी मेरी कहानी है
अकेले की सफर में,कुछ उलझन को सुलझा रहथा
तभी बचपन की याद आया
मां की कोक में स्थान तो लिया,लेकिन पापा के अलावा कोई प्यार ना दिया
समय के हिसाब से उमर ढलती गई
इस दुनिया के लिए में एक कलंकित बनती गई
बचपन की खुशियां आपनी आंगन में दफनाई
पापा की इच्छाएं उस चोखट पे छोड़ के आई
जिसको में ना जानते हुए भी उसका हाथ थामा
उसने ही सबके...
घुट घुट के जी रहा हूं, तानों की सहर में
कुछ अनसुलझी सी मेरी कहानी है
अकेले की सफर में,कुछ उलझन को सुलझा रहथा
तभी बचपन की याद आया
मां की कोक में स्थान तो लिया,लेकिन पापा के अलावा कोई प्यार ना दिया
समय के हिसाब से उमर ढलती गई
इस दुनिया के लिए में एक कलंकित बनती गई
बचपन की खुशियां आपनी आंगन में दफनाई
पापा की इच्छाएं उस चोखट पे छोड़ के आई
जिसको में ना जानते हुए भी उसका हाथ थामा
उसने ही सबके...