नारी:-एक कल्पना
गंगा सी मैं परम पुनीता,
रामायण की मैं हूॅं सीता।
गीता का मैं हूॅं सार,
दुर्गा की मैं हूॅं...
रामायण की मैं हूॅं सीता।
गीता का मैं हूॅं सार,
दुर्गा की मैं हूॅं...