Aansu:)
अभिलाषाओं की करवट...
फिर सूप्त व्यथा का जगना...
सुकू का सपना हो जाना..
भीगी पलकों का लगना...
मादक थी मोहमयी थी...
मन बहलाने की क्रीड़ा
अब हृदय हिला देती है..
वह मधुर प्रेम की पीड़ा।
इस करुणा कलित हृदय में
अब विकल रागिनी बजती
क्यों हाहाकार स्वरों में
वेदना असीम...
फिर सूप्त व्यथा का जगना...
सुकू का सपना हो जाना..
भीगी पलकों का लगना...
मादक थी मोहमयी थी...
मन बहलाने की क्रीड़ा
अब हृदय हिला देती है..
वह मधुर प्रेम की पीड़ा।
इस करुणा कलित हृदय में
अब विकल रागिनी बजती
क्यों हाहाकार स्वरों में
वेदना असीम...