...

2 views

रिश्तों की उल्झनें
बातें भूलाकर सारे, रिश्ते फिरसे सुरू करना… होता कहाँ है आसान ?
बीते बहस के चुभती भरी सारी लम्हें… दरार जैसा छोड़ जाता है निशान ।।

ताल्लुकात संभालने के कोशिशों में, समझौता करना पड़ता है असली और नकली में ।
चाहो न चाहो आख़िर में खुद ब खुद समेटे जाते हैं, झूठी...