...

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महिला दिवस पर my research on पुरूष 😏
एक बहस शुरू हुई...
महिला को पुरूष की कामयाबी का श्रेय नही मिलना चाहिए।
मैंने कहा भाई जरूर मिलना चाहिए

आदमियो को बात ये पची नही
सब ने अपने अपने मंतब बताए
किसी ने अपनी माँ औऱ किसी ने अपनी
बीवी की तारीफ करते हुए कहा कि
औरतों को श्रेय नही दूँगा तो नही दूँगा(तारीफ भी कर रहे हो औऱ cradit भी नही देना कैसा दोगला पन हैं ये)

औऱ सबसे बड़ी बात सबने कहा स्त्री औऱ पुरूष एक दूसरे के पूरक है,
man and woman are equal..

तो घटिया सोच रखने वाले पुरुषों ये बताओ 100 &0 कौन सी equality है या जब equal है तो cradit भी समान हुआ न 50-50

औऱ तुम्हारे पितृसत्तात्मक समाज ने महिलाओं से उनके हक छीने है इसलिए आज ये कहने के तुम लायक बन गए हो, महिलाओं ने समुद्र से लेकर एवरेस्ट तक औऱ railway से लेकर defence तक,business से लेकर research तक हर जगह पुरुषों से बराबरी कर ली है ,
पर तुम पुरूष कभी महिलाओं की बराबरी नही कर पाओगे क्यों संतान के लिए हमे ही ढूंढोगे।
ये बोला किसी ने की हमारा भी योगदान था तो भैया खाना पकाने के लिए सिर्फ धनिया पत्ती सजाने के योगदान को योगदान नही कहते..

अगर कर सकते हो कुछ तो इज्जत देना औऱ cradit देना सीख लो बरना ये महिला दिवस का स्वांग न रचाया करो।



© pari