jai bholenath
#WritcoPoemPrompt101
पशु ,मनुष्य, देव , दानव ,जो भी तेरा भक्त है
बदल दे वो समय की चाल,इतना तो सशक्त है
धरूँ तुम्हारे ध्यान को,ध्यान के तुम देव हो।
कहूं कैसे अकेला हूँ मैं, जब साथ तुम सदैव हो।
लिया गलल गले में,और रखा चंद्र शीश पर।
पूजन सर्प का सिद्ध होता ,आपके आशीष पर।
आदि देव...
पशु ,मनुष्य, देव , दानव ,जो भी तेरा भक्त है
बदल दे वो समय की चाल,इतना तो सशक्त है
धरूँ तुम्हारे ध्यान को,ध्यान के तुम देव हो।
कहूं कैसे अकेला हूँ मैं, जब साथ तुम सदैव हो।
लिया गलल गले में,और रखा चंद्र शीश पर।
पूजन सर्प का सिद्ध होता ,आपके आशीष पर।
आदि देव...