...

11 views

नादां दिल ❤️
बेसब्र दिल ज़िद पर अड़ा है
ये नादां गलती करने चला है
वाकिफ है अंजाम-ऐ-इश्क़ से
फिर भी ये गुनाह कबूलने चला है
करार अपने सारे भुलाने चला है
बेकरारियो को अपनाने चला है
जहाँ बसते है सपने बेहिसाब उन
पलको से ख्वाबो को दूर करने चला है
समझदार होकर भी देखो न आज
जानबूझकर कर पागलपन करने चला है