"मासूमियत के दुश्मन"
जिस्मों के भूखे दरिंदे,
करते हैं इस समाज को गंदे।
नवजात कन्या संतान को भी,
नोच-नोच कर खा जाते हैं।
इनकी आंखों में शरम नहीं,
इनके दिलों में करुणा नहीं।
मासूम चीखें...
करते हैं इस समाज को गंदे।
नवजात कन्या संतान को भी,
नोच-नोच कर खा जाते हैं।
इनकी आंखों में शरम नहीं,
इनके दिलों में करुणा नहीं।
मासूम चीखें...