![...](https://api.writco.in/assets/images/category/big/self-help.webp)
19 views
नया दर्पन
कौन सुने और किसे सुनाएं
हाल ए दिल ये किसे बताएं
हर शख्स यहां परेशां है
कब क्या हो ये अंदेशा है
सुख दुःख चाहें जितना ही हो
खुद को ही सब बांटना होगा
जाने कैसा जीवन है यह
ऐसे ही सब काटना होगा
कोई किसी को सुन ना सके
और कोई किसी को कह ना सके
आज सभी यहां हैरान हैं
कुछ बातों से ज़ज्बातों से
अपने जीवन के शब्दों का,
अर्थ हमें ही बनाना होगा
अपने आदर्श खुद बन जाएं
हाल ए दिल खुद ही सुन जाएं
खुद से खुद की यारी कर लो
तनहाई की तैयारी कर लो
ये समझोते करने होंगे
क़दम हमारे बढ़ने होंगे
जाना भी इक दिन है तन्हा
आज अभी से धारण कर लो
उम्मीद दिलासा झुठलाना है
अपने मन को बतलाना है
स्वार्थ के सारे रिश्ते हैं ये
सत्य जानना है तो हमको
नया दर्पन बनवाना होगा
स्वयं का आइना स्वयं बनाएं
हाल ए दिल अब इसे सुनाएं
© Srishti chaturvedi
हाल ए दिल ये किसे बताएं
हर शख्स यहां परेशां है
कब क्या हो ये अंदेशा है
सुख दुःख चाहें जितना ही हो
खुद को ही सब बांटना होगा
जाने कैसा जीवन है यह
ऐसे ही सब काटना होगा
कोई किसी को सुन ना सके
और कोई किसी को कह ना सके
आज सभी यहां हैरान हैं
कुछ बातों से ज़ज्बातों से
अपने जीवन के शब्दों का,
अर्थ हमें ही बनाना होगा
अपने आदर्श खुद बन जाएं
हाल ए दिल खुद ही सुन जाएं
खुद से खुद की यारी कर लो
तनहाई की तैयारी कर लो
ये समझोते करने होंगे
क़दम हमारे बढ़ने होंगे
जाना भी इक दिन है तन्हा
आज अभी से धारण कर लो
उम्मीद दिलासा झुठलाना है
अपने मन को बतलाना है
स्वार्थ के सारे रिश्ते हैं ये
सत्य जानना है तो हमको
नया दर्पन बनवाना होगा
स्वयं का आइना स्वयं बनाएं
हाल ए दिल अब इसे सुनाएं
© Srishti chaturvedi
Related Stories
15 Likes
0
Comments
15 Likes
0
Comments