...

9 views

इंसान, एक पहेली
इंसान तो है इस दुनिया की सबसे बड़ी पहेली,
ना रहे वफादार उनसे जो थे उनके परिवार और सहेली।

कभी हो‌ जाते हैं गुस्सा, कभी दे जाते है‌ दुख,
कभी बन जाते है ईर्ष्यालु देख‌ कर दुसरो के सुख।

इस हंसते चेहरे के पीछे, नफरत को छुपा रखा है इंसान ने,
बड़ों को नकली आदर दिया है इंसान ने।

जब रोते है अपने, तो देने आते हैं वे हमदर्दी,
पर‌ अंदर से होते है मौसम जिसे हम कहते है सर्दी।

नाटक करते है ये, बनने का दयालु और अच्छे,
जब की करते है उनको परेशान जो हो छोटे बच्चे।

क्यों बने ईर्ष्यालु? क्यों बने ढोंगी? क्यों काम करे ऐसा जिससे टूट जाए‌ किसी के सपनें?
क्या हम दिलो को तोड़ते रहेंगे जब तक रूठ ना जाए अपने?

जब हम बड़े हो जाऐंगे,
तब शायद सारी खुशियां ना पाऐंगे।

यह दुनिया भले कितनी भी हो जाए खराब,
बस याद रखना दोस्त, अपने दिल में झांको, जब ढुंढना हो अपने प्रश्नों का जवाब।



© Fifa 🦋