हम क्यों बड़े हो गए ?
नन्हे नन्हें हाथों ने तेरा साथ पाया है
बचपन की सारी अटखेली यादों में तू समाया है
आज तक जो दो भाई बहन कभी अलग नहीं बैठे
बड़प्पन ने आज तुझसे दूर होने का दिन दिखाया है।
‘दीदी’ से ‘बहन’ से ‘ओ बहन!’ सुना
आज तक हर सपना हमने साथ है बुना
खाना पीना साथ, खेलना जीना साथ तेरे
सारी लड़ाइयों, शरारतों ने आख़िर हमेशा तुझे ही तो चुना।
मेरा छोटा सा भाई, जो अपने साथ...
बचपन की सारी अटखेली यादों में तू समाया है
आज तक जो दो भाई बहन कभी अलग नहीं बैठे
बड़प्पन ने आज तुझसे दूर होने का दिन दिखाया है।
‘दीदी’ से ‘बहन’ से ‘ओ बहन!’ सुना
आज तक हर सपना हमने साथ है बुना
खाना पीना साथ, खेलना जीना साथ तेरे
सारी लड़ाइयों, शरारतों ने आख़िर हमेशा तुझे ही तो चुना।
मेरा छोटा सा भाई, जो अपने साथ...