नई दौर की मोहब्बत
कोई अपना होकर एहसास पराया सा दे जाता है
पराया कोई फिर अच्छा लगने लगता है,
दिल देते है अमानत के तौर पर , सहेज नही पाते
दिल्लगी लगाने फिर मन कही और चला जाता है,
सफर हमसफर की बातें दोनो ही झूठ है...
पराया कोई फिर अच्छा लगने लगता है,
दिल देते है अमानत के तौर पर , सहेज नही पाते
दिल्लगी लगाने फिर मन कही और चला जाता है,
सफर हमसफर की बातें दोनो ही झूठ है...