मौत के पहले पल
शर्म भी शर्मशार हैं आज, की ज़ख्म की वज़ह मरहम बनने को बेक़रार हैं !
दूसरे पल खुद को जला दे हम , बस उसकी मौत के...
दूसरे पल खुद को जला दे हम , बस उसकी मौत के...