...

2 views

सही जगह
#सही-जगह
सही जगह पे बना प्रतिमा,
सही जगह पे हुआ वंदना;
सही जगह पे रखा मंथना,
सही जगह पे जुड़ी भावना;

सही जगह पे सच्ची आस्था,
सही जगह पे मिट रही तृष्णा;
सही जगह पे हुआ अनुभव,
सही जगह पे हुआ मैं परिपक्व;

सही जगह पे खुला बुद्धि का द्वार,
सही जगह पे दूर हुआ अंधकार;
सही जगह पे मिला मन का हल,
सही जगह पे दूर हुए सारे वितर्क;

सही जगह पे समझ मे आया मानव
शरीर है नश्वर,
सही जगह पे निश्चित है सबकुछ;
वो सही जगह है ईश्वर तेरा द्वार,
जहाँ से मिलती सच्ची प्रेणना दूर
हो मन का अंधियार;

मौलिक एवं स्वरचित
सर्वाधिकार सुरक्षित
© ® आलोक पाांडेय
गरोठ, मंंदसौर, (मध्यप्रदेश)
तिथि –२९ /०५ /२०२२
© Alok1109Archana

Related Stories