प्रकृति
प्रकृति हमारी बड़ी निराली
बहुत ही सुंदर बहुत ही प्यारी
नदियों की कल कल ध्वनि ऐसी
लगती मीठे गीत सुनाए
नन्ही चिड़िया बैठ डाल पर
मधुर तराने कोई गाए
प्रकृति हमारी बड़ी निराली
बहुत ही सुंदर बहुत ही प्यारी
फूलों की बगिया भी देखो
खुशबू कैसे बिखराती है
कभी भंवरों को ,कभी तितली को
अपने पास में बिठलाती है
प्रकृति हमारी बड़ी निराली
बहुत ही सुंदर बहुत ही प्यारी
बरखा की टप-टप सुनकर जो
मेंढक सारे नाच रहे हैं
इंतजार के बाद बहुत अब
शायद खुशियां बांट रहे हैं
प्रकृति हमारी बड़ी निराली
बहुत ही सुंदर बहुत ही प्यारी
आने से वसंत के देखो
हरियाली छाई है न्यारी
हरी ओढ़नी ओढ़े जैसे
बैठी है धरती मां प्यारी
प्रकृति हमारी बड़ी निराली
बहुत ही सुंदर बहुत ही प्यारी
© Munni Joshi
बहुत ही सुंदर बहुत ही प्यारी
नदियों की कल कल ध्वनि ऐसी
लगती मीठे गीत सुनाए
नन्ही चिड़िया बैठ डाल पर
मधुर तराने कोई गाए
प्रकृति हमारी बड़ी निराली
बहुत ही सुंदर बहुत ही प्यारी
फूलों की बगिया भी देखो
खुशबू कैसे बिखराती है
कभी भंवरों को ,कभी तितली को
अपने पास में बिठलाती है
प्रकृति हमारी बड़ी निराली
बहुत ही सुंदर बहुत ही प्यारी
बरखा की टप-टप सुनकर जो
मेंढक सारे नाच रहे हैं
इंतजार के बाद बहुत अब
शायद खुशियां बांट रहे हैं
प्रकृति हमारी बड़ी निराली
बहुत ही सुंदर बहुत ही प्यारी
आने से वसंत के देखो
हरियाली छाई है न्यारी
हरी ओढ़नी ओढ़े जैसे
बैठी है धरती मां प्यारी
प्रकृति हमारी बड़ी निराली
बहुत ही सुंदर बहुत ही प्यारी
© Munni Joshi