...

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संदेश
रतिया के सुतल रहनी
सपना सजाई के
ले गइले पियवा के
संदेशा सुनाई के
पिंजरा के बहरे भी
देखी संसार होला
पिंजरा से तहरा पंछी
मोह काहे होला
उड़ी जाई चिड़िया त
मान नाही होला
पिंजरा जरावल जाला
ओढा के पटोला
इहे बा ई रीत जग के
मान जा ए चिड़िया
बंधन छोरा ले जानी
होई सबे बढ़िया
पियवा भी व्याकुल होइहें
मिले तोहरा खातिर
प्रेम में त तड़पत होइहें
राम जी भी आखिर


पिंजरा: देह, पिया: ब्रह्म, पंछी: जीवात्मा
© eternal voice नाद ब्रह्म