सर्द रात
दिसम्बर की सर्द रात
और तन्हा बैठे हैं हम रजाई में
किसी की आती - जाती
वो प्यारी सी यादें
राहत देती है इस तन्हाई में
बाहर दिखता घना कोहरा
और मन पर है
उस अजनबी की यादों का पहरा
पतंगों का मौसम...
और तन्हा बैठे हैं हम रजाई में
किसी की आती - जाती
वो प्यारी सी यादें
राहत देती है इस तन्हाई में
बाहर दिखता घना कोहरा
और मन पर है
उस अजनबी की यादों का पहरा
पतंगों का मौसम...