मेरा क़ुसूर क्या था माँ?
जब ख्वाब की ताबीर थी नामुमकिन
तुमने फिर ख्वाब ही, क्यों संजोया था माँ,
जब फूल को जन्म से पहले ही मिटाना था
तुमने ऐसे फूल को, सींचा ही क्यों था माँ,
जब मसल कर धूल में ही मिलाना था
तुमने मुझे अपनी साँसों में, क्यों पिरोया था माँ,
जब अपनों को आशियाना ही मिटाना था
तुमने ऐसे आशियाने का अरमान क्यों लगाया था माँ,
जब मेरी जान बचाना था, तुम्हारे लिए नामुमकिन
फिर आसमान के साथ तुम्हें, क्यों रोना था माँ,
जब ये सदियों से होता चला आया था
"फिर इसमें नया क्या था माँ",
जब अगले जनम फिर से मिलो, ये ज़रूर बताना
मेरा क़ुसूर क्या था माँ? मेरा क़ुसूर क्या था माँ?
"Save the Girl Child"
© All Rights Reserved
तुमने फिर ख्वाब ही, क्यों संजोया था माँ,
जब फूल को जन्म से पहले ही मिटाना था
तुमने ऐसे फूल को, सींचा ही क्यों था माँ,
जब मसल कर धूल में ही मिलाना था
तुमने मुझे अपनी साँसों में, क्यों पिरोया था माँ,
जब अपनों को आशियाना ही मिटाना था
तुमने ऐसे आशियाने का अरमान क्यों लगाया था माँ,
जब मेरी जान बचाना था, तुम्हारे लिए नामुमकिन
फिर आसमान के साथ तुम्हें, क्यों रोना था माँ,
जब ये सदियों से होता चला आया था
"फिर इसमें नया क्या था माँ",
जब अगले जनम फिर से मिलो, ये ज़रूर बताना
मेरा क़ुसूर क्या था माँ? मेरा क़ुसूर क्या था माँ?
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