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अनजान लडकी___
RAAJ PREEET

लफ्ज अलफाज कागज किताब सब बेईमानी है
तुम कहती रहो हम सुनते रहे इतनी सी कहानी है
पढ लिया है उसका चेहरा हमने किताब की तरह
फिर भी क्यो लगता है वो लडकी अनजानी है
सब सुरों मे खो जाते है पायल की आवाज से
PREEET इसी का नाम मोहब्बत है इसी का नाम जवानी है
दुनिया के मेले मे दोस्त खो मत जाना
आना है तो इधर आना चार दिन की जिन्दगानी है
जिसके नाम से सजती है गजलें यहाँ
वो लडकी PREEET शायरी की दिवानी है
हर किसी पर दिल उसका फिदा होता नही
उसकी मोहब्बत दोस्त पाक और रूहानी है
धरती पर ऐसे चेहरे PREEET मिलते ही कहाँ है
पायल की रूह तो शायद आसमानी है
कभी मिले वो PREEET तो कोई बात बने
शायरी उसके नाम से हमने बहुत सी सजानी है
दूर रहकर भी प्यार दिल मे पनपता है
प्यार की लौ उसके दिल मे जलानी है
© आवारा पागल दीवाना