कागज़ जनता है
काग़ज़ जानता है,
कलम का वो जवान है
अक्षरों से बसा जगत,
ख्वाहिशों का आसमान है
काग़ज़ जानता है दर्द,
बातें जो दिल की होती हैं बेजुबान
रिश्तों के मायने हैं यहाँ,
वफ़ादारी की बुनियाद है ईमान
कलम के ज़रिए खुलता है जहाँ,
बेहतर दुनिया का दरवाज़ा है यहाँ
कविताओं की धूप में है सुकून,
आँखों में बसा सपनों का जहां
उसमें दर्द है, हंसी है, ख़ुशियाँ और गम,
सबकुछ यहाँ है, चाहे आँख है नम
...
कलम का वो जवान है
अक्षरों से बसा जगत,
ख्वाहिशों का आसमान है
काग़ज़ जानता है दर्द,
बातें जो दिल की होती हैं बेजुबान
रिश्तों के मायने हैं यहाँ,
वफ़ादारी की बुनियाद है ईमान
कलम के ज़रिए खुलता है जहाँ,
बेहतर दुनिया का दरवाज़ा है यहाँ
कविताओं की धूप में है सुकून,
आँखों में बसा सपनों का जहां
उसमें दर्द है, हंसी है, ख़ुशियाँ और गम,
सबकुछ यहाँ है, चाहे आँख है नम
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