...

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कदम
कदम कदम पे कांटे होंगे
उनको फूल बनाया करना तुम ।
मंजिल की राह जो धूमिल हो ,
खुद राह बनाया करना तुम ।
गम का साया हो या घनघोर घटा
ख्वाब सजाया करना तुम ।
तुम वो पथिक नही जो थकते है
अब करके ये दिखलाना तुम ।
कदम कदम पे कांटे होंगे ,
उनको फूल बनाया करना तुम ।
© Saumya singh