क्या आज फ़िर????
क्या आज फ़िर कुछ वक़्त मेरे साथ बिताओगे
क्या जो सारी हदें है, वो तोड़ के आओगे
क्या वो जो कभी ना टूटे ऐसा रिश्ता निभाओगे
क्या मेरे उलझे हुए ख्वाबों को फिरसे, सवारोगे ...
क्या जो सारी हदें है, वो तोड़ के आओगे
क्या वो जो कभी ना टूटे ऐसा रिश्ता निभाओगे
क्या मेरे उलझे हुए ख्वाबों को फिरसे, सवारोगे ...