क्यों चलदिए तुम
दिल से दिल आंखों से आंखें मिलाके प्यार करना सिखाकर,
मेरे दिल को बेगाना करके क्यों चलदिए तुम।
मेरे दिल में पहले फुल खिलाकर फ़िर,
उसको बंजर बनाकर क्यों चलदिए...
मेरे दिल को बेगाना करके क्यों चलदिए तुम।
मेरे दिल में पहले फुल खिलाकर फ़िर,
उसको बंजर बनाकर क्यों चलदिए...