...

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क्यों चलदिए तुम
दिल से दिल आंखों से आंखें मिलाके प्यार करना सिखाकर,
मेरे दिल को बेगाना करके क्यों चलदिए तुम।

मेरे दिल में पहले फुल खिलाकर फ़िर,
उसको बंजर बनाकर क्यों चलदिए तुम।

हाथों में हाथ डालकर चलना सिखाके,
मेरे चलने से पहले ही क्यों चलदिए तुम।

एक दूसरे के आंसुं पोछना सिखाकर,
मेरे आंखों में आंसुं दिए क्यों चलदिए तुम।

एक दूसरे के वास्ते जीना सिखाकर, पहले ही ख़ुद
क्यों जीना छोड़ दिए तुम, अकेला करके कयों चलदिए तुम।