...

8 views

वो खुशियां सूनाके जलाती है
कह देती है वो बाते नई
किसी और से प्यार जताने की,
मेरी जान बताती है बाते मुझे
अपने इश्क़ से इश्क़ लढाने की,

कैसे मै सेह लेता हूं
बेशरम सी हवाओं को,
कैसे जख्म वो दे देती है
मेरी इन वफाओं को,

खुदा ने भी लिख दि कैसे
कहानी इस बेवफ़ा की,
जब मैंने दि वफ़ाई सदा
क्यों तड़प हर दफा दि,

क्या दर्द देना मोहब्बत को
यही दस्तूर है शमाओ का,
जिसको रखा बाहोमे समेटे
उसकी झूठी वफाओं का,

किसी और के गीत मुझे वो
गुनगुना के सुनाती है,
मै चाहूं हसी जिसकी हर पल
वो खुशियां सुनाके जलाती है।
वो खुशियां सुनाके जलाती है।

© drowning angel