देखो ना
झुठ की आंधियाँ बुझा ना सकीं
मेरे सच का चिराग देखो ना
जो मेरा घर जलाने आए थे
उन के घर...
मेरे सच का चिराग देखो ना
जो मेरा घर जलाने आए थे
उन के घर...