...

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एक शायर...
दिल के अरमानो की चिता में जल रहा है
एक शायर ना जाने क्या क्या छुपा रहा है

ना छेड़ना यारां उसके ज़ख्मो को कभी
बड़ी मुश्किल से खुद को संभाल रहा है

सब्र की इंतिहा पार की थी उसने कभी
आज उसी सब्र के नाम से घबरा रहा है

हर बात मिलेगी कहीं ना कहीं उसमें तुम्हें
और वो उसे बड़े अंदाज़ से छुपा रहा है

पढ़ ना लो उसके नैनों में दबी दास्तां कहीं
यूँ पलकों की चिलमन से पर्दे बना रहा है

तराशा है उसे जिंदगी ने यूँ बेपनाह जनाब
और वो खुद को जिंदगी से ही बचा रहा है


© * नैna *