...

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इश्क़(ishq)
कहते हैं इंसान इश्क़ में हार जाता है
कभी कभी अपनो से
कभी अपने से
तो कभी अपने प्यार से


प्यार सबको होता है, पूरा उसी का होता है,जिसका पूरा होना लकीरों में होता है।

रब सब जानता है, तभी तो शुरुआत करके ख़तम करना
और कभी सब ख़तम करके शुरू करना
हक़ उसी का होता है।

अपनों में किसी में प्यार तो किसी में नफ़रत नज़र आती हैं।
एक अलग सी खुशी होती है चारु को जब प्यार में गैर की मुराद पूरी हो जाती है।



© 💖🙏✍️@charu🙏💖