27 views
तुम जब करीब होते हो
सारा जहां अपना सा लगता है, तुम जब करीब होते हो।
संसार की सारी ख़ुशियाँ फीकी, तुम जब करीब होते हो।
एहसास भरे कटोरे से, जब तुम मेरा दामन सजाते हो।
खिल जाती हूँ मैं पुष्प बन कि तुम जब करीब होते हो।
भरोसा बन मेरे हर उम्मीदों पर जब तुम खरे उतरते हो।
भुला देती हूँ सारे ग़म सनम तुम जब करीब होते हो।
शीतल निर्मल काया को जब तुम साड़ी पहनाते हो।
सतरंगी इंद्रधनुष सा बन जाती तुम जब करीब होते हो।
मेरे हर नखरों को उठाते तुम कितने मासूम से लगते हो।
जब तुम पास नहीं होते तो फिर भी तुम करीब होते हो।
मेरी आदतों को अपना बनाकर तुम जो कष्ट सहते हो।
भूल जाना चाहती हूँ ख़ुद को तुम जब करीब होते हो।
संसार की सारी ख़ुशियाँ फीकी, तुम जब करीब होते हो।
एहसास भरे कटोरे से, जब तुम मेरा दामन सजाते हो।
खिल जाती हूँ मैं पुष्प बन कि तुम जब करीब होते हो।
भरोसा बन मेरे हर उम्मीदों पर जब तुम खरे उतरते हो।
भुला देती हूँ सारे ग़म सनम तुम जब करीब होते हो।
शीतल निर्मल काया को जब तुम साड़ी पहनाते हो।
सतरंगी इंद्रधनुष सा बन जाती तुम जब करीब होते हो।
मेरे हर नखरों को उठाते तुम कितने मासूम से लगते हो।
जब तुम पास नहीं होते तो फिर भी तुम करीब होते हो।
मेरी आदतों को अपना बनाकर तुम जो कष्ट सहते हो।
भूल जाना चाहती हूँ ख़ुद को तुम जब करीब होते हो।
Related Stories
66 Likes
13
Comments
66 Likes
13
Comments