...

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वो मां है ‌....
मेरी हर नादानी को सह जाती है,
बिना बताए ही हर बात समझ जाती है,
वो माँ है......


अच्छे - बुरे की पहचान ,
और मुझे रिश्ते निभाने की कला सिखाती है,
वो माँ है......

कभी गुस्सा करती है,
तो कभी प्यार जताती है,
वो माँ है......

खुद थमी सी है,
और मुझे आगे बढ़ना सिखाती है,
वो माँ है......

बेटी को पाल -पोस कर बडी करके,
बिदाई के समय आसु छुपाती है,
वो माँ है......

अपनी सारी उम्र दे कर,
मकान को घर बनाती है,
वो माँ है......

सारी क़ुदरत जिस के आगे नतमस्तक है,
हर देव- देवी जिसको शीश झुकाते है,
वो माँ है......