जब तक
वफ़ा ईनाम हैं मोहब्बत के सिले का मगर वफ़ा सदा किसी का अधिकार नहीं होती,
अब टूटे तीर भी पासा पलट सकते हैं,हर बार ही मिर्ज़े की हार नहीं होती,
ये इंतिहा हैं अंधभक्ति की,आंखों से देखकर भी सचाई जो स्वीकार...
अब टूटे तीर भी पासा पलट सकते हैं,हर बार ही मिर्ज़े की हार नहीं होती,
ये इंतिहा हैं अंधभक्ति की,आंखों से देखकर भी सचाई जो स्वीकार...