गुजरिया
मोरनी सी चाल तोरी, लटक मटक चले गोरी
काहे नाही माने छोरी,
के, मन चलो तोरी ही डगरिया।
डगरिया-डगरिया झूमत-घुमत फिरे,
पग-पग फूलन को रंगत भौरी।
इन रंगन में रंगबे,
तोरे पीछे-पीछे चलत, में भंवरिया ।
भंवरिया में उलझो की ?? पलकन में तोरी
अब तो डूबन को तरसों गोरी,
डूबन खों अंखियन मैं
जैसी मोरी तू गुजरिया।।
© Pushp
काहे नाही माने छोरी,
के, मन चलो तोरी ही डगरिया।
डगरिया-डगरिया झूमत-घुमत फिरे,
पग-पग फूलन को रंगत भौरी।
इन रंगन में रंगबे,
तोरे पीछे-पीछे चलत, में भंवरिया ।
भंवरिया में उलझो की ?? पलकन में तोरी
अब तो डूबन को तरसों गोरी,
डूबन खों अंखियन मैं
जैसी मोरी तू गुजरिया।।
© Pushp