...

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गुजरिया
मोरनी सी चाल तोरी, लटक मटक चले गोरी
काहे नाही माने छोरी,
के, मन चलो तोरी ही डगरिया।

डगरिया-डगरिया झूमत-घुमत फिरे,
पग-पग फूलन को रंगत भौरी।
इन रंगन में रंगबे,
तोरे पीछे-पीछे चलत, में भंवरिया ।

भंवरिया में उलझो की ?? पलकन में तोरी
अब तो डूबन को तरसों गोरी,
डूबन खों अंखियन मैं
जैसी मोरी तू गुजरिया।।
© Pushp