...

1 views

बदरिया
चान छुपउले जाली कहवाँ , घुँघटा तनिक उठाव ।
बदरिया हमरो केने आव । बदरिया हमरो केने आव ।

झुलस रहल धरती के काया छाया ना भगवान लगे ।
तोहरे बिना ये हो बदरी सब कुछ अब सुनसान लगे ।
लह लह लहके रेह सिवाने कातर नजर हटाव ।
बदरिया हमरो केने आव । बदरिया हमरो केने आव ।

पेंड़ कटत बा निशिदिन चिरईन के खोतवा बिरान भइल ।
खेत कियारी नदी...