...

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यादें
यादों में हो तुम मेरे ये तुम्हे कैसे बताएं,
अगर चांहू भी तो इन यादों को कैसे मिटाएं।
यूं बादल की तरह घिरकर बरसती है ये,
और हम खुद को भीगने से कैसे बचाएं।
किसी यादों को अब बनाना नहीं चाहतें,
तेरी बातों को भूलना नहीं चाहते।
क्या पता न जाने कैसी याद सी है,
इस दिल में तेरी जगह खास सी है।
हम किसी को इसे दिखा नही...