यह बादल कहते हैं
हम वक्त पर आगए देखो, मगर तुम नहीं आए
हो चुका आसीर हर शय, छा गए मेरे ही साए
हर कोई है इंतज़ार में, कब बरस पड़ूं उनकी आसेब पर
यह बादल कहते है, इन्तज़ार था मुझे पर तुम...
हो चुका आसीर हर शय, छा गए मेरे ही साए
हर कोई है इंतज़ार में, कब बरस पड़ूं उनकी आसेब पर
यह बादल कहते है, इन्तज़ार था मुझे पर तुम...