इंतज़ार
फिर वही बेबात की बेताबी है
हर आहट पर चौंकने के आदी हैं
पता है , तुम नहीं आए हो, ना ही आओगे
लेकिन दिल कहाँ समझता है
इसे लगाता है इसकी ये हालत तुम समझ पाओगे
आज का दिन भी निकल गया
रहा इंतज़ार आज भी...
हर आहट पर चौंकने के आदी हैं
पता है , तुम नहीं आए हो, ना ही आओगे
लेकिन दिल कहाँ समझता है
इसे लगाता है इसकी ये हालत तुम समझ पाओगे
आज का दिन भी निकल गया
रहा इंतज़ार आज भी...