दिन नया निकलता है....
क्षितिज पर सूरज अपनी लाली बिखेर जाता है,
निराशा भरी काली अंधेरी रात छट जाता है।
नयी उम्मीदें ,नयी खुशियाँ, नया बहार, नया जोश
संग अपने लेकर दिन नया निकल आता है।
कलियाँ खिलखिलाने और फूल मुस्कुराने लगते हैं,
पक्षी सारे चहचहाने और पशु इतराने लगते हैं।
कोयल काली मधुर - मधुर ...
निराशा भरी काली अंधेरी रात छट जाता है।
नयी उम्मीदें ,नयी खुशियाँ, नया बहार, नया जोश
संग अपने लेकर दिन नया निकल आता है।
कलियाँ खिलखिलाने और फूल मुस्कुराने लगते हैं,
पक्षी सारे चहचहाने और पशु इतराने लगते हैं।
कोयल काली मधुर - मधुर ...