...

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तुझे याद नही
तुझे याद नही वो एहसासों के अरमान सारे,
बन गए थे जो यादो और जान से भी प्यारे...

रोटी कमाने निकला तू तो रोटी कमा के लाया,
मेरा अक्स प्यार का भूखा था तुझे समझ नही आया...

मुक जानवर ने सिखाया प्यार क्या होता है,
रोटी की भूख से ज़्यादा वो प्यार के लिए रोता है..

पानी बन जाता है अश्क़, जब भावनाओं का उठता है सागर,
दर्दे दिल बन जाता है, एक उम्मीदों से भरा हुआ गागर...

जब वक़्त बीत गया लेकिन तुझे मेरी याद ना आई,
बेवक़्त तेरे इंतेज़ार में मैने सिर्फ तन्हाईयां है पाई...

तेरा भूल जाना उन एहसासों को,
चीर देता है मेरे दिल के जज़्बातों को...

मेरी धड़कने बरफ सी सीने में जम गई,
दुखो की आग बरफ के साथ ही थम गई...

अपने साए पे भी अब तो मुझे भरोसा ना रहा,
मुझे याद नही कुछ भी जब तूने यह कहा....

मेरी रूह हमेशा अनकहे शब्दों में तुझसे कुछ कहती है,
बिन पानी मछली भी ज़िन्दा कहाँ रहती है...

अरमाने ख्वाईश है, तेरी यादों में मेरा अस्तित्व फिर से ज़िन्दा हो जाए,
मेरे दिल के पतझड़ के मौसम में, फिर से प्रेम के पत्तो की हरियाली आए....
#Forget



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