डायरी के अनखुले पन्ने
एक बन्द किताब सी है मेरी कहानी
कैसे कोई पढ़ सकता है इसको जुबानी
मत रोको मुझे मत टोंको मुझे
कर लूं जीवन की कुछ मन मानी।।
अब तो साल भी बदल...
कैसे कोई पढ़ सकता है इसको जुबानी
मत रोको मुझे मत टोंको मुझे
कर लूं जीवन की कुछ मन मानी।।
अब तो साल भी बदल...