मैं... तुम??
तुम तुम हो
मैं मैं हूँ
फिर..
तुम मैं
मैं तुम
क्यों बनना चाहूँ
रूप रंग ढंग
मेरा मेरे जैसा
तेरा तेरे जैसा
फिर..
तू मुझमें
मैं तुझमें
कमी
क्यों निकालना चाहूँ
बेइंतेहा
प्यार मुझको तेरे से...
मैं मैं हूँ
फिर..
तुम मैं
मैं तुम
क्यों बनना चाहूँ
रूप रंग ढंग
मेरा मेरे जैसा
तेरा तेरे जैसा
फिर..
तू मुझमें
मैं तुझमें
कमी
क्यों निकालना चाहूँ
बेइंतेहा
प्यार मुझको तेरे से...