दिवस_विशेष
आप सबके समक्ष प्रस्तुत है "दिवस विशेष" रचना 🙏
आप सभी पढ़ें और त्रुटियों से अवगत करायें 😊🙏👇👇
हतोत्साह का द्वंद्व जकड़े, आस रही है रीत।
काल चक्र में उलझा जीवन, दिखे न कोई मीत।।
अपयश बहुत मिले हैं हमको, लेकिन मिला न हर्ष।
हिय की उलझन सुलझाने में, बीत गया यह वर्ष।।
किससे जाकर कहें भला हम,...
आप सभी पढ़ें और त्रुटियों से अवगत करायें 😊🙏👇👇
हतोत्साह का द्वंद्व जकड़े, आस रही है रीत।
काल चक्र में उलझा जीवन, दिखे न कोई मीत।।
अपयश बहुत मिले हैं हमको, लेकिन मिला न हर्ष।
हिय की उलझन सुलझाने में, बीत गया यह वर्ष।।
किससे जाकर कहें भला हम,...