...

19 views

दास्ता
दास्ता ये अजीब है।
दुःख की गहराइयों में
सोई कस्ती भी अजीब है।
खोजे उजाले को,
नजाने कैसी ये कशीश है।
रोई आंखे, टूटे एहसास...
फिरभी मंज़िल ये हसीन है।
गिरा के भी जोड़े मुझे,
इसकी सीख कितनी लजीज़ है।
सर पर ना कोई हाथ,
फिरभी अटूट विश्वास का क़िस्सा भी हसीन है।
ओ रे... ज़िन्दगी दास्ता ये अजीब है।
सिखाया सबक भी तूने,
फिरभी उससे मिलीं सीख भी अजीज़ है।
तन्हाइयों में मिला,
बिछड़ा यार भी नसीब है।
दास्ता ये अजीब है।
@quotes_lover1023


#poem #poempromt
#hindi #writtingcommunity
#writer #mistry #life #love #writco #live


© quotes_lover1023